नारद जी कहिन

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देवर्षि नारद जब अमरीका की लंबी यात्रा के बाद प्रभु के पास पहुंचे तो वातावरण सुवासित थे। प्रभु नारायण की कृपा से चारों ओर स्वच्छ वातारण था और पॉल्यूशन का कहीं नामोनिशान नहीं था। भगवान विष्णु क्षीरसागर में शेषनाग के ऊपर अधलेटे हुए अपने लैप टॉप पर जरूरी काम निपटा रहे थे उनकी नाभि से उत्पन्न कमलमें ब्रह्मा जी स्थित थे। प्रभुअपने नीचे वाले बाएं हाथ में पद्म कमल, नीचे वाले दाहिने हाथ मेंकौमोदकी गदा,ऊपर वाले बाएं हाथ में पाञ्चजन्यशंख और ऊपर वाले दाहिने हाथ मेंसुदर्शन चक्र धारण किए थे। माता लक्ष्मी वहीं विद्यमान थीं और प्रभु को एसिस्ट कर रही थीं। नारद मुनि ने ऊपर पहले पापाब्रह्मा जी को प्रणाम किया और फिर नारायण नारायण का जयकारा लगाते हुए स्तुति टेरी।

शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशम्।

विश्वाधारं गगनसदृशं मेघ वर्णं शुभाङ्गम्।।

लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्।

वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्।।

प्रभु ,नारद मुनि को देखकर प्रसन्न हो उठे। बोले क्या ख़बर है देवर्षि इस बार अधिक देर हो गई आपको। नारद जी बोले प्रभु अमरीका से आने का मन तो नहीं कर रहा था पर ज़्यादा दिन रहने पर पकड़े जाने औरग्वांतानामो बे के अवैध अप्रवासी केन्द्र भेजे जाने के भय से वहां से पलायन करके आ रहा हूं। नारद मुनि ने रिपोर्टिंग की रफ्तार पकड़ते हुए कहा कि प्रभु अमरीका में एक बार फिर ट्रंप युग लौट आया है अमरीका इज ग्रेट के नारे के साथ। रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को अमरीका के 47 वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण कर ली है।  कैपिटल बिल्डिंग के रोटुंडा में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने उन्हें शपथ दिलाई है। अमरीका के 50 वें उपराष्ट्रपति के रूप में जेंडी वेंस ने भी शपथ ली है। उनकी बीबी भारतीय मूल की हैं। ट्रंप ने अमरीकी राष्ट्रपति का पद संभालनेके बाद आधा घंटा भाषण दिया और कहा कि देश में एक नई सुबह की शुरूआत हो रही है और हम अमरीकी इतिहास के चार सबसे महान वर्षों के कगार पर खड़े हैं। उद्घाटन समारोह तीन धार्मिक नेताओं के आशीर्वाद और गायक क्रिस्टोफर मैकियो द्वारा राष्ट्रगान गाए जाने के साथ संपन्न हुआ। ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में वहां के टेक इंडस्ट्री के दिग्गजों ने शिरकत की।इसमें नाडेला,,पिचाई समेत कई भारतीय मूल के भी टेक लीडर शामिल थे। पहली बार दूसरे देशों के नेताओं को भी इसमें बुलाया गया। पर प्रभु इसमें एस एफ जे के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की उपस्थिति ने सबको हैरान कर दिया। कहा जा रहा है कि पन्नू को आधिकारिक रूप से आमंत्रण नहीं दिया गया था पर ना मालूम कैसे वहां मौजूद थे। और क्या बताऊं प्रभु कि क्या विहंगम दृश्य था। राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया फुल मेकअप में मंच पर मौजूद थे।

       अब अमरीकी राष्ट्रपति के एक्स हैंडल पर प्रोफाइल इमेज में ट्रंप की तस्वीर लगाने के साथ ही इंट्रो में लिख दिया गया है कि अमरीका के 45 वें और 47 वें राष्ट्रपति। कहा गया है किउनके शीर्ष सत्ता पर विराजमान होने के साथ ही अब अमरीका का स्वर्णिम युग अभी से शुरू हो गया है। प्रभु आपकी कृपा से सत्ता में लौटे ट्रंप ने सत्ता संभालते ही  कैपिटल हिल में 6 जनवरी 2021 को हुए दंगों में शामिल करीब 1500 लोगों को माफी देने का आदेश जारी किए। इसके बाद तड़ातड़ कई एग्जीक्यूटिव ऑर्डर जारी कर बाहरी लोगों को अमरीका से चलता करने का फरमान सुना दिया। इसमें अमरीका में जन्मजात नागरिकता अधिकार को सीमित करने का आदेश भी शामिल है। ट्रंप के आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि जिन बच्चों के माता पिता अमरीकी नागरिक या वैध स्थायी निवासी नहीं हैं उन्हें नागरिकता नहीं मिलेगी। इससे पहले जन्मजात नागरिकता के तहत किसी देश में जन्मा व्यक्ति उस देश का नागरिक होता था भले ही उसके माता पित उस देश के नागरिक न हों। प्रभु, अमरीकी संविधान जन्म सिद्ध अधिकार की गारंटी देता है। वहां 1868 में 14 वें संविधान संशोधन के तहत जन्मजात नागरिकता की गारंटी दी गई थी। दरअसल यह ब्लैक अमरीकी की संवैधानिक रक्षा के लिए उठाया गया कदम था।  पर इस कानून का अब अमरीका में विरोध हो रहा है। नारद जी तनिक उत्साहजनक उत्तेजित स्वर में बोले …आलोचकों कहना है कि यह लोगों को अवैध रूप से अमरीका में आने और रहने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करता है। अवैध प्रवासी जानते हैं कि अगर उनके बच्चे अमरीका में पैदा हुए तो जन्मसिद्ध रूप से अमरीकी नागरिकबन जाएंगे और उनकी मदद से वे भी अमरीकी नागरिकता प्राप्त कर लेंगे। नारद जी इतनी खबर देते देते थके स्वर में बोले प्रभु नागरिकता नीति में बदलाव से अमरीका में रहने वाले पचास लाख भारतीय-अमरीकियों पर असर पड़ने की आशंका है जो कई वर्षों और दशकों से ग्रीन कार्ड का इंतज़ार कर रहे हैं। इनमें से केवल 34 प्रतिशत अमरीका में जन्मे हैं और बाकी दो तिहाई प्रवासी हैं। ट्रंप के फैसले के बाद अमरीका से अवैध अप्रवासियों का निर्वासन शुरू हो गया है। अमरीकी सैन्य सी -17 विमानों से प्रवासियों को बाहर निकाला जा रहा है। अमरीका में जहां पहले आतंकियों को रखा जाता था, अब उस ग्वांतानामो बेसेंटर में आपराधिक प्रवृत्ति वाले अवैध प्रवासियों को रखा जाएगा। ग्वांतानामो बे में 30,000 व्यक्तियों की क्षमता का केंद्र स्थापित किया गया है जहां “उच्च प्राथमिकता वाले आपराधिक एलियंस” रखे जाएंगे। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है-ग्वांतानामो भेजने के बाद अवैध प्रवासीवापस नहीं आ पाएंगे इसी डर से मैं भी वहां से पलायन कर गया हूं कि खबर देने के चक्कर में मैं भी न धर लिया जाऊं।

प्रभु श्री विष्णु नारद जी की विशद रिपोर्टिग से प्रसन्न हो उठे। बोले …पर आपको कौन धरेगा,, अदृश्य हो जाते। …नारद जी ने सोचा लगता है पभु रिपोर्टिंग के डिटेल से खुश हैं….अच्छा मौका है ज़रा एडिटोरियल कमेंट ले लूं। अगली फॉलोअप स्टोरी में उसे ही लीड बनाकर चिपका दूंगा। श्री हरि बिजी दिव्य भगवन हैं उन्हें कहां याद रहेगा कि स्कूप उन्हीं का दिया हुआ है। ,,,,सहज दीन भाव से पूछा प्रभु  अब इंडिया के साथ अमरीका का रूख क्या होगा। प्रभु बोले देखिए देवर्षि…..अमरीकी ट्रंप राज में भारत और अमरीका के संबंध गहरे होंगे। चीन को लेकर दोनों देशों की चिंता इन्हें और करीब लाएगी। राजनीतिक और वैचारिक तालमेल अच्छा रहने की उम्मीद है। दोनों देशों के नेताओं के बीच अच्छे संबंध हैं। दोनों नेता राष्ट्रवाद और जनता में लोकप्रियता के कारण एक जैसे हैं और उनके राष्ट्रवादी विचारों में समानता है। । ट्रंप के पूर्व एनएसए रॉबर्ट ओश्ब्रायन का कहना है कि ट्रंप, प्रधानमंत्री मोदी में खुद को देखते हैं। ट्रंप प्रशासन अमरीका फर्स्ट की नीति पर ज़ोर देता है तो भारत राष्ट्र सर्वप्रथम मानता है। ट्रंप को अनप्रेडिक्टेबल ज़रूर माना जाता है पर मेक इन इंडिया और मेड इन अमरीका के बीच सांमजस्य स्थापित करना ही सबसे बड़ी कूटनीति होगी। …नारद जी ने प्रभु के ज्ञान और अंतर्दृष्टि पर मुग्ध हो कर शीश नवाया। बोले प्रभु आप तो अंतर्यामी हैं। मेरी एक शंका का समाधान करें कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने जब शपथ ग्रहण समारोह के बाद मेलानिया मैडम को किस लेने की कोशिश की तो मैडम के बड़े विशाल हैट के कारण किस मिस हो गया…तो उन्होंने हैट हटा कर चुंबन स्वीकार क्यों नहीं किया? इसमें क्या भेद  है। प्रभु मुस्काए ,,,माता लक्ष्मी की ओर देख कर बोले जब बीबीव्रत संकल्पित हो तब संसार का कोई भी प्राणी अपनी मनमानी नहीं कर सकता। दरअसल मेलानिया ने जान बूझ कर बड़ा हैट पहना था। प्रभु ने बतलाया कि ….मेलानिया नवासजर्मनकृत मेलानिया नोरोज़ 26 अप्रैल, 1970 में स्लोवेनिया में जन्मी अमरीकी पूर्व फैशन मॉडल और अभीअमरीका की प्रथम महिला हैं। वो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की पत्नी तो हैं पर अब सार्वजनिक स्थलों पर वरिष्ठों को किस देने से परहेज करती हैं। दरअसल उन दिन उनका व्रत था जिसमें उन्होंने पति की लंबी उमर की कामना की थी और समागम लीला से दूर रहने का संकल्प ले रखा था। नारद जीकी शंका का समाधान हो गया ,,, पर उत्सुकता वश बोले प्रभु यह ग्वांतानामो बे डिटेंशन सेंटर का क्या चक्कर है क्या अन्य स्थानों पर भी ऐसी सुविधा केन्द्र बनेगी। पभु विहंस कर बोले रोहिंग्या और बांग्लादेशियों की बढ़ती तादाद को देखते हुए आर्यावर्त में भी ऐसे ही किसी केन्द्र बनाए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। नारद मुनि ने यह सुन कर प्रभु का जयकारा लगाया और उड़ चले मृत्युलोक की ओर नई खबर लाने।

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