देवर्षि नारद मुनि तीनों लोकों के भ्रमण से सूचना एकत्रित कर इस बार जब प्रभु विष्णु के पास पहुंचे तो काफी एक्साइटेड और कौतूहल से भरे थे। प्रभु के समीप पहुंच कर उन्होंने महती वीणा के तार झंकृत किए और खड़ताल से लय मिला कर सप्तक सुर में स्तुति टेरी-
ॐ नमो नारायणाय नमः
ॐ विष्णवे नमः
मंगलम् भगवान विष्णुः, मंगलम् गरुणध्वजः, मंगलम् पुण्डरी काक्षः मंगलाय तनो हरिः
प्रभु आनंदित होकर बोले आइए देवर्षि, सरस्वतीसुत क्या खबर है। नारद जी बोले प्रभु गजब है… आपके भक्त ट्रम्प महोदय ने तो गजब की हेकड़ी जमा रखी है। जिसे चाहे दुत्कार देते हैं जिस पर चाहे आयात शुल्क ठोक देते हैं।
व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में आपके भक्त प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने बातों के तीर से यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को दिन में तारे दिखा दिए। उनके बीच तीखी बहस ने अप्रिय स्थिति उत्पन्न कर दी है… प्रभु। इससे रूस-यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए शांति वार्ता की गुंजाइश और यूक्रेनी खनिज पदार्थों पर सहयोग की संभावना पर पानी फिर गया है। ट्रम्प ने जेलेंस्की को कस के झाड़ पिलाई और सीधा कह दिया कि अबे पूरी दुनिया को तीसरे विश्वयुद्ध में न झोंको और चुपचाप युद्ध रोक कर अपना माल हमारे हवाले करो। राष्ट्रपति ट्रम्प ने जेलेंस्की महोदय को भोजन भी नहीं करवाया और उनके सभी आल अमलों को सूखे-सूखे चलता कर दिया। राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि हमसे पहले वाले मूर्ख ने तुम्हें रूस से लड़ने के लिए 350 बिलियन डॉलर का तगड़ा धन दिया था पर हम कानी कौड़ी नहीं देने वाले। अबे अगर अमेरिका ना होता तो बेटा तुम तो लड़ाई में दो हफ्ते भी नहीं टिक पाते। फूटो यहां से और अब अगर लड़ाई-झगड़ा बंद करने की नीयत हो तभी मिलना। इस पर हास्य कलाकार से राजनीति में आकर राष्ट्रपति बने जेलेस्की ने भी चौड़ा होकर बिना दबे कहा कि हम अपने देश की संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करेंगे और युद्ध तभी रोकेंगे जब हमें यूक्रेन की सुरक्षा की गांरटी मिलेगी। अमेरिका की ट्रम्प गारंटी। नारद जी तनिक रूके फिर तनिक फिलॉस्फाइज करके बोले प्रभु इस प्रकरण से रूस-यूक्रेन रोकने पर शांति वार्ता की गुंजाइश और यूक्रेनी खनिज पदार्थों पर सहयोग की संभावना पर तो पानी फिर गया है। प्रभु बातचीत में मतभेद हो सकते हैं पर मीडिया के सामने दो राष्ट्र प्रमुखों के बीच बहसबाज़ी तो हैरान कर देने वाली है। और तो और इस घटनाक्रम पर रूस आनंदित है। वहां के राष्ट्रपति और आपके एक और परम भक्त पुतिन ने तो यहां तक कह दिया कि ट्रम्प ने अपने आप को कैसे रोका? जेलेंस्की के तो कान के नीचे बजाना चाहिए था।
प्रभु बोले ब्रह्मनंदन, वीणाधर— इच्छा शांति की शत्रु है। यह मानव चित्त की सबसे बड़ी समस्या है। कामनाओं से ही क्रोध उत्पन्न होता है और क्रोध से मूढ़ भाव उत्पन्न होते हैं। अत: मैंने बार-बार निष्काम बनने का संदेश दिया है। ये ट्रम्प की सुल्तानी हनक है। यही उस बंदे की शैली है। चाहे जॉर्डन के किंग हो, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों हो, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर हों या आर्यावर्त के नरेन्द्र मोदी। सबके साथ पठ्ठा ट्रम्प ऐसे ही पेश आता है। दरअसल वो अमेरिका को फिर से महान बनाने के चक्कर में है। ट्रम्प की आक्रामक शैली, अन्य देशों के प्रमुखों के साथ कठोर संवाद और अप्रत्याशित राजनीति फैसले से अनिश्चितता भले आई हो पर यह उसका स्टाइल है, उसकी मेक अमेरिका ग्रेट अगेन-मागा नीति का हिस्सा है। युक्रेन के खनिज भंडार पर अमेरिका पहले दिए गए धन के एवज़ में हिस्सेदारी चाहता है। गाज़ा और ग्रीनलैंड पर कब्ज़ा करने की उसकी नीयत है। कनाडा को अपने देश में विलय कराने की मंशा पट्ठे ने साफ ज़ाहिर कर दी है।
नारद जी ने प्रभु द्वारा ज्ञान वर्धन पर वीणा के तारों पर हाथ फेर कर ज़ोर का जयकारा लगाया
“सबै भूमि गोपाल की- नहीं किसी की मालिकी”
प्रभु आगे बोले -दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश रूस के साथ लंबे समय से युद्ध में जमे यूक्रेन के संसाधन चूक रहे हैं। देश का बड़ा हिस्सा रूसी बमबारी में ध्वस्त हो गया है। पूरी दुनिया अब इस लड़ाई से तंग आ चुकी है। यूरोप भी चाहता है कि अब युद्धविराम हो। पर जेलेंस्की-ट्रम्प प्रकरण के बाद आम तौर पर अमेरिका के पीछे चलने वाले सभी 27 य़ूरोपीय देश यूक्रेन के समर्थन में खड़े हो गए हैं। ब्रितानिया के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने रक्षा क्षमता बढ़ाने के लिए 2 दशमलव 84 अरब डॉलर के ऋण का एलान कर दिया है। फ्रांस भी धन देने को तत्पर है। दरअसल जेलेंस्की पर युद्धविराम के लिए दबाव डालना यूरोपीय देशों के अलावा, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया तक को नहीं सुहाया है। उन्हें सबसे अधिक विरोध इस बात का है कि यह तो रूस का एकदम से अप्रत्यक्ष समर्थन है। ज्ञान देते देते जगत के स्वामी थोड़ा हाई पिच पर बोले पर आई टेल यू मुनिवर –दे ऑल विल फॉल इन लाइन। पर कनाडा का किस्सा दूसरा है..हुआ यूं कि एक समारोह में जस्टिन ट्रूडो मैडम मेलानिया से ज़्यादा ही चिपक रहा था…इसी से नाराज़ ट्रम्पवा ने पकड़ा दिए आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ। अब वह WTO में शिकायत दर्ज करता घूम रहा है।
प्रभु के अंतर्ज्ञान से अंत्यंत प्रभावित होकर नारद मुनि फिर प्रभु की स्तुति गाने लगे– ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
नारद मुनि ने कहा प्रभु बिहार में भी टेंशन का माहौल है। वहां विधानसभा चुनाव का अभी से माहौल बनने लगा है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता एक दूसरे पर खूब निशाना साध रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को बोल दिए कि तुम्हारे पिता को हम ही मुख्यमंत्री बनाए थे। (नहीं तो वो अभी अपने चरवाहा विश्वविद्य़ालय के स्वघोषित वाइस चांसलर होते।) नारद जी ने गहरी सांस लेकर कहा कि इसका अर्थ तो यह है कि 1990 से अब तक जो बिहार की दुर्गति हुई है उसमें उनकी भी हिस्सेदारी बनती है। जब वही बनाए थे तो जंगलराज कैसे बन गया और उसकी जिम्मेदारी से वो कैसे मुक्त हैं।अब बिहार की जनता के मन में भी सवाल उठने लगा है कि कितनी बार नीतीशे कुमार। और प्रभु तेजस्वी भी कम नही है। उसने दावे पर पलटवार करते हुए कहा है कि नीतीश कुमार को यह पता होना चाहिए कि उनसे पहले ही हमारे पिता दो बार विधायक और एक बार सांसद बन चुके थे। तेजस्वी ने कहा कि सच्चाई तो यह है कि अपने दम पर नीतीश कुमार को दो बार बिहार का उन्होंने मुख्यमंत्री बनाया है। नारद जी बोले हे जगतनंदन आपके भक्त तेजस्वी यहीं नहीं रूके अब नीतीश को बूढ़ा और कमज़ोर दिमाग कर बता कर उन्हें संन्यास लेने को कह रहे हैं। तेजस्वी ने कहा है कि रिटायरमेंट की उम्र होती है साठ साल। तो बिहार को 75 साल का मुख्यमंत्री क्यों चाहिए? कोई नई गाड़ी भी लेते हैं तो 15 साल के बाद पुरानी हो जाती है। तेजस्वी यादव ने कहा है कि सरकार भी ऐसी गाड़ी चलाने की अनुमति नहीं देती है क्योंकि उससे प्रदूषण होता है इसलिए अब समय आ गया है कि खटारा नहीं, नई गाड़ी से तेज़ रफ़्तार में बिहार का विकास किया जाए।
प्रभु विहंस पड़े। माता लक्ष्मी भी इस वार्तालाप ओर नारद जी के पैशनेट तर्क से प्रसन्न हो रही थी। अच्छा मनोरंजन हो रहा था। प्रभु नारायण नारद जी से बोले मुनिवर यह तो आरंभ है पर आरंभ में ही अंत छुपा है। पीके को मत भूलिए –वही सत्ता की चाबी है। खूब काटेगा।
नारद जी ने विस्मित होकर प्रभु की तरफ देखा फिर जयकारा लगाया—हरि से लगे रहो रे भाई बनत बनत बनि जाई। नारद मुनि चलने को उद्यत हुए प्रभु ने मुदित भाव से पूछा अब कहां। नारद जी बोले ममता कुलकर्णी उर्फ किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर श्रीयामाई ममता नंद गिरी का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू लाने। फिर उड़ चले हरि नाम भजते हुए मृत्यु लोक की ओर।
