नारायण नारायण की टेर लगाते हुए इस बार जब नारद मुनि प्रभु के पास पहुंचे तो हवा में कंपकंपी थी ओर मौसम सर्द। दुनिया भर के भक्तों और कष्टों में डूबे प्राणियों के प्राब्लम सॉल्व करते-करते भगवन ज़रा आराम के मूड में आ गए थे। शेष नाग की सैय्या पर अर्धनिद्रा में पहुंचने ही वाले थे कि मुनिवर ने महती वीणा और करताल झंकृत कर पभु की स्तुति में दिव्य संगीत प्रस्तुत करना आरंभ कर दिया। प्रभु के मुख पर मुदित मुस्कान आ गई। अपने श्रेष्ठतम भक्त को सामने पाकर प्रभु वैसे ही प्रसन्न हो उठे जैसे टेलिविजन चैनलों के इन-पुन एडिटर अपने स्पेशल कॉरस्पॉंडेंट को देख कर होते हैं। सूचना क्रांति और सूचना प्रौद्योगिकी के युग में इंफॉर्मेशन और डाटा कितनी बड़ी पावर है इस बात को विधान रचने वाले से बेहतर कौन समझ सकता है। बोले क्या खबर है मुनिवर, कहां से पधार रहे हैं?
नारद जी ने सोचा एक्सक्लूसिव खबर है तो थोड़ी भूमिका बांधी जाए। आखिर टप से खबर देने वाले रिपोर्टरों को लोग हल्का मान लेते हैं। पर तीनों लोक के स्वामी प्रभु भी खुर्राट एडीटरी समझ चुके थे, नारज जी के मनोभावों से मामला समझने के लिए टेलीपैथी भिड़ाई ही थी कि नारद जी तुरंत बोल पड़े प्रभु इस बार खबर है नीतीश कुमार की। …अब नीतीशवा कहीं ना जाई। प्रभु मुस्काए। सोचे भक्तिभाव से भरे निश्चल मन के मुनि हैं…इन्हें मानव कपट भरे ह्रदय का क्या पता। मुनिवर आगे बोले प्रभु इस बार सौ टका सही खबर है। पटना के ऊपर से भ्रमण कर रहा था कि अचानक लालू जी के कथन क्लाउड कम्प्यूटिंगसे सुनाई पड़े —-कह रहे थे ,,,,नीतीश कुमार के लिए हमारा दरवाज़ा खुला है। महागठबंधन में जब चाहें आएं-जाएं —उनके लिए कोई रोक टोक नही है। धीरे से ये भी बोले कि हमार दोनों बचवा,,बच्ची और उनके जीवन साथियों का खाली ध्यान रखें। काहे कि परम्परा है विरासत सौंपने की।… हम लाएं हैं मतदान से कुर्सी निकाल के —इस सीट को रखना मेरे बच्चों संभाल के।
तो प्रभु नीतीश जी की बाइट लेने के लिए जब हम पीछे पड़े तो बिहार के मुख्यमंत्री का काफिला प्रगति यात्रा पर लालू प्रसाद और उनकी धर्मपत्नी के गृह जिले गोपालगंज में पहुंचा हुआ था।…. …नारद जी ने फिर एकाएक कॉमर्शियल ब्रेक ले लिया और एक स्तुति गायन करने लगे। प्रभु ने भी तब तक कमंडल से जल ग्रहण कर लिया। तब तक नारद जी भी वॉयसओवर फॉर्मेटिंग कर चुके थे। नारायण नारायण का जयकारा लगाया और आगे का हाल सुनाया। कहने लगे प्रभु ,,,नीतीश कुमार ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद जी के न्यौते को टाल दिया है। वो बोले कि हम गलती से दो बार इधर से उधर चले गए थे(राजद के साथ), पर अब कहीं नहीं जाना। अब हम लोग हमेशा साथ रहेंगे। मतलब एनडीए में ही रहेंगे। —जब ऊ ई बात बोले तो प्रभु पीछे से पटना एफएम पर गाना भी चल रहा था। —- जीत ही लेंगे बाज़ी हम तुम खेल अधूरा छूटे ना प्यार का बंधन, जन्म का बंधन जन्म का बंधन टूटे ना… बंधन टूटे ना … सो समझिए कि खबर कंफर्म है। नीतीश ने खुद से जुड़े सभी तरह के कयासों पर विराम लगा दिया है और फिर से कमल छाप के साथ चुनाव में उतरेंगे। प्रभु के मुख की मुस्कान गहराई। बोले सीएम कौन बनेगा….ये भी कुछ कह रहे थे कि नहीं। नारद जी चुप हो गए। सोचे कुछ भी कर लो ,,, कितना भी हाथ पैर मार लो,,,एक ना एक बाइट लेना छूट ही जाता है। शर्माने का अभिनय करके बोले प्रभु आप तो अंतर्यामी हैं। आप ही बताएं। ….प्रभु की लीला। प्रभु हंस कर बोले समय से पहले कुछ भी नहीं होता है। और मैंने तो पहले ही कह दिया है…कर्म करो फल की इच्छा ना करो। वैसे शाह जी ने जो महाराष्ट्र में सीएम का फॉर्मूला दिया है वह भी बड़ा रोचक है। नारद जी भांप गए प्रभु कोई बड़ी लीला रच रहे हैं इस बार बिहार में। तुरंत अटैंशन होकर वीणा के तार पर हाथ फेरा और स्तुति सुनाई.। हाथ जोड़ कर नारायण नारायण का जयकारा लगाते हुए –अगली यात्रा के लिए प्रस्थान अनुमति मांगी। प्रभु ने पूछा इस बार कहां? नारद जी बोले अमरीका—-ट्रम्प ने अपने ओथ सेरेमनी में पर्सनली इंवायट किया है। प्रभु ने आर्शीवाद की मुद्रा अपनाकर मुनिवर नारद को विदा किया। नारद मुनि नारायण नारायण कहते हुए उड़ चले अमरीका की तरफ… जाते जाते बोले कनाडा होता हुआ जाता हूं,,,काहे कि पता नहीं,,,,कब वह अमरीका का 51वां राज्य बन जाए।











