प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्शन समिट में भाग लेने पेरिस जाएंगे। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ उनकी द्विपक्षीय बैठक होगी।
फ्रांस 11-12 फरवरी को एआई शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करेगा। इस शिखर सम्मेलन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता परअंतर्राष्ट्रीय स्तर की चर्चा होगी। सम्मेलन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अमरीका, चीन और भारत जैसे प्रमुख देशों के साथ ही खाड़ी देशों के साथ बातचीत होगी।
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान 10 अरब डॉलर से अधिक के दो बड़े रक्षा सौदे, 26 राफेल-एम लड़ाकू विमान और नौसेना के लिए तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों की खरीद की घोषणा हो सकती है।
एआई पर पिछलेदो शिखर सम्मेलन नवंबर 2023 में ब्रिटेन में और मई 2024 में दक्षिण कोरिया में आयोजित किए गए थे। पेरिस में होने वाले सम्मेलन के बारे में फ्रांस ने कहा है कि इसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर ठोस कार्रवाइयों पर ध्यान केंद्रित की जाएगी ताकि वैश्विक स्तर पर एआई क्षेत्र के सार्वजनिक हित में सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय लाभहासिल किए जा सकें। शिखर सम्मेलन में पाच प्राथमिक विषयों पर चर्चा की जाएगी – सार्वजनिक हित एआई, कार्य का भविष्य, नवाचार और संस्कृति, एआई में विश्वास और एआई का वैश्विक शासन।
सम्मेलन से अलग भारत-फ्रांस द्विपक्षीय वार्ता में रक्षा क्षेत्र में नए करार किए जाएंगे। भारत पांचवीं पीढ़ी के जेट एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) के लिए 110KN एयरो इंजन के सह-विकास के लिए फ्रांस के साथ बातचीत कर रहा है, जो अभी बहुतशुरूआती चरण में है।
प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों की आखिरी मुलाकात 18 नवंबर को ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी। जनवरी 2024 में गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति मैक्रों की भारत यात्रा और जून में इटली में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान उनकी बैठक के बाद, 2024 में दोनों नेताओं के बीच जी-20 शिखर सम्मेलन में तीसरी बैठक हुई थी। प्रधानमंत्री मोदी के फ्रांस दौरे से पहले दोनों देशों ने पिछले महीने जनवरी में पेरिस में आयोजित विदेश कार्यालय परामर्श में भारत-फ्रांस क्षितिज 2047 रोडमैप के तहत द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न पहलुओं में हुई प्रगति की समीक्षा की। बैठक की सह-अध्यक्षता विदेश सचिव विक्रम मिस्री और फ्रांस के यूरोप और विदेश मामले मंत्रालय की महासचिव ऐनी मैरी डेस्कोटेस ने की। इसमें रक्षा, असैन्य परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष, साइबर और डिजिटल ए आई, संस्थागत संवाद तंत्र, लोगों के बीच आदान प्रदान और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने सहित द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की गई। दोनों पक्षों ने उच्च-स्तरीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आपसी साझेदारी विस्तार करने पर भी सहमति जताई।











