प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 फरवरी को अमरीका की दो दिनों की यात्रा पर जाएंगे, जहां वे अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्यापक चर्चा करेंगे। ट्रंप के दूसरी बार अमरीका का राष्ट्रपति बनने के बाद प्रधानमंत्री मोदी की वाशिंगटन की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। उनकी यात्रा भारत-अमरीका संबंधों के रणनीतिक महत्व को रेखांकित करती है।
व्यापार, रक्षा सहयोग पर होगा फोकस
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प की बातचीत व्यापार, रक्षा सहयोग और क्षेत्रीय सुरक्षा, विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर केंद्रित रहने की उम्मीद है। इसमें एआई और तकनीकी क्षेत्र में भारत-अमरीका साझेदारी को नया आयाम देने पर भी बातचीत होगी।ट्रंप के20 जनवरी को आधिकारिक तौर पर अमरीका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने 27 जनवरी को उनसे फोन पर बात की थी। बातचीत में पीएम मोदी ने व्यापार, ऊर्जा और रक्षा सहयोग पर जोर देते हुए विश्वसनीयसाझेदारी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। फोन पर हुई बातचीत के बाद व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमरीका में निर्मित सुरक्षा उपकरणों की भारत द्वारा खरीद बढ़ाने और निष्पक्ष द्विपक्षीय व्यापार संबंधों की दिशा में आगे बढ़ने के महत्व पर जोर दिया। भारत पहले ही अमरीका के साथ ऊर्जा संबंधों का विस्तार करने की इच्छा जाहिर कर चुका है, खासकर स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में। कनाडा, मैक्सिको और चीन पर ट्रंप के टैरिफ के मद्देनजर व्यापार पर बातचीत और महत्वपूर्ण हो गई है। इससे पहले ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नवनियुक्त अमरीकी राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री मोदी का पत्र भी सौंपा था। माना जा रहा है कि ट्रंप भारत के साथ अमरीका के व्यापार अंसुतलन को कम करने और इस कार्यकाल में भारत में अमरीकी वाणिज्यिक हितों के लिए अधिक आक्रामक तरीके से काम करने के प्रति उत्सुक हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने संकेत दिया कि उन्होंने पीएम मोदी के साथ अवैध अप्रवास के मुद्दे पर चर्चा की और आशा व्यक्त की कि वे’सही काम करेंगे’। भारत पहले ही कह चुका है कि वह उन सभी भारतीयों को वापस लेगा जो अमरीका में अवैध तरीके से घुसे हैं।
