फॉरेन में गैरकानूनी संपत्ति का पता लगाने के लिए सिल्वर नोटिस, काले धन वाले निशाने पर

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सिल्वर नोटिस इंटरपोल का आठ रंग के कोड वाला नवीनतम नोटिस है जिसका मकसद सीमा पार के देशों में अवैध रूप से जमा की गई संपत्तियों का पता लगाना है। ये नोटिस सभी देशों को विश्व भर में अवैध संपत्ति के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए अलर्ट और अनुरोध साझा करने में सहायक और प्रभावी साधन है। पहले से चल रहे परंपरागत उपायों में अवैध संपत्तियों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए पारस्परिक कानूनी सहायता संधि-एमएलएटी की मदद ली जाती है। एमएलएटी दो देशों के बीच संधि होती है जिसके तहत वे अपराध की रोकथाम, जांच और अभियोजन में औपचारिक सहायता देने और प्राप्त करने में सहयोग करते हैं। लेकिन अब एमएलएटी से इसे बढ़ाकर इंटरपोल नोटिस किया गया जिससे गैरकानूनी संपत्ति का पता लगाना ज्यादा आसान हो गया है। हालांकि एमएलएटी भी प्रभावी बना रहेगा क्योंकि इंटरपोल नोटिस की तुलना में यह दो या अधिक देशों के स्तर पर अधिक व्यावहारिक होने से आसान है।     प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में विदेशों में मनी लॉंड्रिंग का पता लगाने के लिए इंटरपोल से विशेष प्रणालीगत प्रावधान करने का प्रस्ताव किया था। इसी प्रस्ताव के आधार पर अब सिल्वर नोटिस चलन में आ गया है। सीबीआई निदेशक प्रवीण सूद ने विदेशों में अवैध संपत्तियों की जानकारी जुटाने में एमएलएटी की तुलना में सिल्वर नोटिस को अधिक कारगर बताया है। यानि अब उन लोगों की खैर नहीं जो स्विस बैंक के अलावा दुबई, ब्रिटेन, अमरीका, इटली में अवैध कमाई छुपाते हैं और छोटे मोटे टापू खऱीद कर वहां राजा बनने के हसीन सपने देखते हैं। इन सबका नंबर आएगा और तिहाड़ की हवा खानी पड़ेगी। कब? इसका पता नहीं।

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