अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच यूक्रेन युद्ध पर करीब तीन घंटे तक अलास्का के एंकोरेज में चली बैठक बेनतीजा रही है। दोनों नेताओं ने बैठक को “रचनात्मक” और “सार्थक” बताया, साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि अभी तक कोई औपचारिक समझौता नहीं हुआ है। ट्रंप ने जानकारी दी कि वे शीघ्र ही नाटो, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की एवं अन्य प्रमुख नेताओं से टेलीफोन पर संवाद करेंगे। उन्होंने कहा, “कई मुद्दों पर सहमति बनी है और समझौते की दिशा में सकारात्मक प्रगति हुई है। हालांकि, कोई समझौता तब तक अंतिम नहीं माना जा सकता जब तक वह पूर्ण रूप से तय न हो जाए।”
बैठक में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ विदेश मंत्री मार्को रुबियो, विशेष दूत स्टीव विटकॉफ तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। रूस की ओर से विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलूसोय एवं राष्ट्रपति पुतिन के विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव ने भाग लिया। निर्धारित तीन चरणों की इस शिखर वार्ता को संक्षिप्त करते हुए सीधे दूसरे चरण के संवाद पर फोकस किया गया।
प्रेस वार्ता में राष्ट्रपति पुतिन ने स्पष्ट किया कि रूस-यूक्रेन संघर्ष तब समाप्त होगा जब उसके “मूल कारणों” का समाधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि 2022 में ट्रंप राष्ट्रपति होते तो यह युद्ध नहीं होता। पुतिन ने जोर दिया कि रूस, यूक्रेन की सुरक्षा के साथ-साथ यूरोप और वैश्विक सुरक्षा संतुलन की बहाली का पक्षधर है। उन्होंने यूक्रेन एवं यूरोपीय नेतृत्व से “चल रही प्रगति में बाधा न डालने” की अपील की, साथ ही कहा कि रूस की “सच्ची मंशा” युद्ध को समाप्त करने की है। अपने वक्तव्य में ट्रंप ने स्पष्ट किया कि किसी भी समझौते के लिए यूक्रेन की सहमति अनिवार्य होगी और वे सिर्फ संवाद को आगे बढ़ा रहे हैं; अंतिम निर्णय राष्ट्रपति जेलेंस्की एवं यूक्रेन सरकार का होगा।
दोनों नेताओं ने संवाददाता सम्मेलन में मीडिया के प्रश्न नहीं लिए। पुतिन ने आठ मिनट और ट्रंप ने चार मिनट का वक्तव्य दिया, जहां ट्रंप ने इस वार्ता को “बहुत अच्छा और भरोसेमंद संपर्क” बताया। बैठक के समापन पर पुतिन ने अगली बैठक मास्को में आयोजित करने का सुझाव दिया, जिस पर ट्रंप ने इसे “विवादास्पद” किंतु संभव बताया। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच सदैव अच्छे संबंध रहे हैं, हालांकि 2016 के अमेरिकी चुनाव में रूसी हस्तक्षेप की जांच के चलते संबंध कुछ जटिल हो गए थे।
तीन घंटे तक चली इस बैठक में युद्धविराम या किसी ठोस ढांचे पर कोई स्पष्ट सहमति नहीं बन पाई, पर दोनों नेताओं ने संकेत दिए कि वार्ता शांति की दिशा में आगे बढ़ सकती है। बैठक के बाद ट्रंप ने रूसी तेल आयात करने वाले देशों पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने के संबंध में कहा कि इस पर फिलहाल कोई तत्काल योजना नहीं है, लेकिन दो-तीन महीनों के भीतर इस पर विचार किया जा सकता है।











