भारत के विनिर्माण क्षेत्र ने FY24 में मजबूत प्रदर्शन किया है। सकल मूल्य वर्धन (GVA) में 11.89% की वृद्धि दर्ज की गई, जो पिछले वित्त वर्ष के 7.3% से काफी अधिक है। यह जानकारी बुधवार को जारी वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण (ASI) में दी गई, जिसे सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी किया गया।
अप्रैल 2023 से मार्च 2024 की अवधि में औद्योगिक उत्पादन में 5.8% की वृद्धि हुई। रिपोर्ट के अनुसार, FY24 में विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार में भारी 592% वार्षिक वृद्धि दर्ज हुई और फैक्ट्री आधारित नौकरियों में करीब 1.96 करोड़ श्रमिक लगे रहे। बीते दशक में इस क्षेत्र ने 57 लाख से अधिक रोजगार सृजित किए हैं।
GVA वृद्धि में सबसे बड़ा योगदान बेसिक मेटल्स, ऑटोमोबाइल्स, केमिकल्स, खाद्य प्रसंस्करण और फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों का रहा। वहीं तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक शीर्ष रोजगार प्रदाता राज्यों के रूप में उभरे।
भारत की जीडीपी में विनिर्माण का योगदान फिलहाल लगभग 17% है। निरंतर बेहतर प्रदर्शन यह संकेत देता है कि कोविड के बाद देश की अर्थव्यवस्था स्थिर रूप से पुनर्जीवित हो रही है, खासकर श्रम-प्रधान उद्योगों में। यह प्रवृत्ति सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप है, जिसका लक्ष्य 2025 तक जीडीपी में विनिर्माण का हिस्सा 25% तक पहुंचाना है।
विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे समय में जब अमेरिका ने भारतीय निर्यात पर 50% टैरिफ लगा दिया है, भारत को यह अवसर उपयोग में लेते हुए अपनी सप्लाई चेन मजबूत करनी चाहिए, निर्यात बाजारों में विविधता लानी चाहिए और ‘मेक इन इंडिया 2.0’ को तेजी से आगे बढ़ाना चाहिए। अल्पकालिक चुनौतियां, उनका मानना है, दीर्घकालिक लाभ का मार्ग प्रशस्त कर सकती हैं।











