नई दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था गहरे संकट में है। फरवरी-मार्च में 793 बसें हटाए जाने के बाद से डीटीसी अपने पुराने वाहनों को धीरे-धीरे चरणबद्ध तरीके से बाहर कर रहा है, लेकिन उनकी जगह नई 12 मीटर की बसें समय पर उपलब्ध नहीं हो पाईं।
अप्रैल से लेकर जुलाई तक क्रमशः 111, 232, 96 और 985 बसें हटाई जा चुकी हैं। जुलाई में डिम्ट्स के तहत चलने वाली 533 बसों का अनुबंध खत्म हो गया जबकि 452 डीटीसी बसें भी बेड़े से बाहर हो गईं। इस तरह मार्च 2026 तक कुल 1,680 बसें कम हो जाएंगी।
सितंबर में 462 बसों का डीटीसी बेड़े से हटानाअगर लागू रहा तो इसका सीधा प्रभाव हजारों रोजाना यात्रियों पर पड़ेगा। वहीं, सरकार ने मार्च से 9 मीटर की छोटी ई-बसें चलाना शुरू किया है, लेकिन मुख्य मार्गों पर चलने वाली 12 मीटर लंबी ई-बसें अभी तक नहीं आई हैं।
विशेषज्ञों की राय है कि नई बसों की खरीद व तैनाती में देरी के कारण परिवहन व्यवस्था संकट की स्थिति में पहुंच गई है। अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में भी क्रमशः 84, 15 और 99 बसें और बेड़े से हटेंगी।











